Book Details |
Author |
Col Sunil Kotnala (Retd.) |
Publisher |
Prabhat Prakashan |
Language |
Hindi |
Publication Year |
2022 |
ISBN |
9789355210975 |
Binding Style |
Soft Cover |
Number of pages |
224 |
Weight |
250 Grams |
Shipping Time |
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Delivery Time |
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"कर्नल सुनील कोटनाला के सभी कौशल इस उपन्यास में समाहित हैं। यह एक सामयिक कृति है, जो कश्मीर में होनेवाली घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है— जो दुनिया के सबसे अस्थिर क्षेत्रों में से एक है और जहाँ विचारधारा, धर्म एवं जातीयता के बीच लगातार टकराव है।
अतीत में भारतीय सेना को बिना स्पष्ट जनादेश, खुफिया कवर या राजनीतिक समर्थन के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में झोंक दिया गया। यह कहना पर्याप्त है कि हम हमेशा गले तक गंदगी में डूबे हुए थे। सबसे बढक़र, हमारे मानवाधिकार कार्यकर्ता उन्हीं भारत-विरोधी अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, जो हमारे सैनिकों को प्रताड़ित कर रहे थे, मार रहे थे और अपंग कर रहे थे। पिछले कुछ वर्षों में सिर के ऊपर से बहुत सारा पानी बह गया है और कानून-व्यवस्था की स्थिति के रूप में शुरू हुआ कश्मीर अब जिहाद के लिए युद्ध का मैदान बन गया है।
भारतीय सैनिक प्रणम्य हैं जिन्होंने वीरता से लड़ाई लड़ी है। सशस्त्र बलों ने यह सब सरकार या अपने हमवतन—इस देश के लोगों के खिलाफ शिकायत के बिना किया है, जो उनके लिए बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन कभी नहीं किया।
वैसे यह एक उपन्यास है—फिर भी, यकीन है कि इसका स्कूल और विश्वविद्यालय की कक्षाओं में पाठन कराया जाएगा। इसमें मनोरंजन है, यह रोमांचित भी करता है। सुनील दैनिक क्रूरताओं का चित्रण करते हैं, जो युद्धक्षेत्रों की विशेषता है।"
THE AUTHOR
Col Sunil Kotnala (Retd.)
कर्नल सुनील कोटनाला तीसरी पीढ़ी के भारतीय सेना अधिकारी हैं। अपनी 25 वर्षों की सेवा में उनके पास व्यापक कार्यक्षेत्र था, जिसमें उत्तर में हिमालय की ऊँचाई से लेकर दक्षिण में हिंद महासागर तक, पश्चिम में रेगिस्तान से लेकर उत्तर-पूर्व के घने जंगल तक शामिल थे। उन्होंने कश्मीर घाटी में और उग्रवाद से प्रभावित उत्तर-पूर्व में तीन कार्यकाल तक सेवा की, जहाँ उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ कई खुले और गुप्त अभियान चलाए।
सुनील एक उत्सुक पर्वतारोही हैं। उन्होंने गढ़वाल हिमालय में त्रिशूल एवं शिवलिंग पर्वत की चढ़ाई के दो अभियानों का नेतृत्व किया है। उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड एवं जनरल ऑफिसर कमांडिंग और नॉर्दर्न कमांड कमेंडेशन कार्ड से दो बार सम्मानित किया गया।
सुनील 25 वर्षों से अधिक समय तक देश की सेवा से प्राप्त अपने अनुभवों को बड़े पैमाने पर पाठकों के साथ साझा करने के लिए उत्सुक थे। वे वर्ष 2009 में मुंबई चले गए और सीधे अपनी पहली पुस्तक के लेखन कार्य में लग गए, जो अब आपके हाथों में है। सुनील से sunilkotnala@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
Tags:
Kashmir Files,
Holy Warriors,
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