Vyathit Jammu Kashmir: The Turbulent Story of Jammu Kashmir by Narender Sehgal (Hindi Edition)
- Brand:Prabhat Prakashan
- Product Code: KB-104
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₹500.00
Book Details | |
Author | Narender Sehgal |
Publisher | Prabhat Prakashan |
Language | Hindi |
Publication Year | 2018 |
ISBN | 9788177211856 |
Edition | 1st |
Number of pages | 256 |
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मैं आभारी हूँ उन विद्वान मित्रों का जिन्होंने इस पुस्तक के लिए सामग्री जुटाने में मेरे आग्रह को स्वीकार किया और अपना मूल्यवान समय देकर मेरा मार्गदर्शन किया। जम्मू-कश्मीर की वर्तमान समस्या; ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और भविष्य की संभावनाओं की संपूर्ण और विस्तृत जानकारी रखने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जम्मू-कश्मीर प्रांत प्रचारक श्रद्धेय अरुण कुमारजी का मैं विशेष रूप से आभारी हूँ; जिन्होंने इस पुस्तक की तैयारी से लेकर प्रकाशन तक सहयोग और मार्गदर्शन किया। पुस्तक में जुटाए गए तथ्यों एवं भाषा से संबंधित त्रुटियों के लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूँ। सभी मित्रों एवं पाठकों की सुझावों सहित प्रतिक्रिया का मुझे इंतजार रहेगा।—इसी पुस्तक से
Vyathit Jammu Kashmir by Narender Sehgal: Explore the challenging and complex situation in Jammu and Kashmir with this book by Narender Sehgal. The book provides insights into the socio-political dynamics of the region, shedding light on its history, conflicts, and the experiences of its people. It offers a comprehensive perspective on the issues faced by Jammu and Kashmir.
Key Aspects of the Book "Vyathit Jammu Kashmir":
Regional Analysis: Gain a deeper understanding of the historical and contemporary issues in Jammu and Kashmir.
Conflict Perspective: Explore the complexities of the conflicts and challenges faced by the region and its residents.
Socio-Political Insights: Learn about the socio-political dynamics and developments in Jammu and Kashmir.
Narender Sehgal offers readers a comprehensive view of the situation in Jammu and Kashmir with "Vyathit Jammu Kashmir." This book provides valuable insights into the region's history and contemporary issues.
अनुक्रमणिका
प्रस्तावना —Pgs. 7
1. भारत माता के मुकुट कश्मीर का गौरवशाली अतीत —Pgs. 13
2. दिग्विजयी कश्मीर —Pgs. 21
3. धर्मांतरण से राष्ट्रांतरण —Pgs. 31
4. डुग्गर धरती का गौरवशाली अतीत —Pgs. 35
5. आत्म बलिदान की अनूठी मिसाल डुग्गर रत्न बाबा जो —Pgs. 41
6. डुग्गर पौरुष के प्रतीक वीर बंदा वैरागी —Pgs. 45
7. विजयी डोगरा सेनानायक जनरल जोरावर सिंह —Pgs. 49
8. राष्ट्रभत डोगरा शासक —Pgs. 55
9. जम्मू क्षेत्र में संघ —Pgs. 61
10. जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय —Pgs. 66
11. कश्मीर घाटी में संघ —Pgs. 75
12. रक्षा मोरचे पर संघ —Pgs. 78
13. शेख अदुल्ला का उदय —Pgs. 84
14. पं. नेहरू की अदूरदर्शिता —Pgs. 92
15. प्रजा परिषद् आंदोलन —Pgs. 109
16. आत्मनिर्णय का इसलामी जुनून —Pgs. 123
17. देशभत कश्मीरी पंडित —Pgs. 131
18. डोडा क्षेत्र में आतंक —Pgs. 141
19. जम्मू क्षेत्र से भेदभाव —Pgs. 145
20. मंदिरों का शहर बना शरणार्थियों का शहर —Pgs. 150
21. हिंदू स्वाभिमान की विजय —Pgs. 158
22. हिंदू विहीन कश्मीरियत? —Pgs. 179
23. फसाद की जड़ अनुच्छेद 370 —Pgs. 184
24. भारतीय सुरक्षा बल —Pgs. 191
25. लद्दाख में राष्ट्रवाद का जागरण —Pgs. 199
26. खतरे में लद्दाखी सभ्यता —Pgs. 203
27. समाधान की तलाश —Pgs. 205
परिशिष्ट-1 मैंने श्री गुरुजी को ‘कर्ण महल’ में प्रवेश करते देखा —Pgs. 227
परिशिष्ट-2 The Accession oh the J&K State and Maharaja Hari Singh —Pgs. 228
परिशिष्ट-3 In Saving Kashmir —Pgs. 230
परिशिष्ट-4 Accession of Kashmir sangh's Efforts —Pgs. 233
परिशिष्ट-5 महाराजा का सरदार पटेल को पत्र —Pgs. 236
परिशिष्ट-6 महाराजा का भारत में विलय का प्रस्ताव —Pgs. 241
परिशिष्ट-7 26 अतूबर, 1947 को महाराजा हरिसिंह द्वारा कार्यान्वित विलय-पत्र —Pgs. 244
परिशिष्ट-8 भारत के संविधान की धारा-370 —Pgs. 247
परिशिष्ट-9 शिमला समझौता —Pgs. 249
परिशिष्ट-10 कश्मीर समझौता (फरवरी 1975 ) —Pgs. 252
संदर्भ-ग्रंथ —Pgs. 254
पत्र-पत्रिकाएँ —Pgs. 256
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Tags: Jammu and Kashmir, Vyathit, socio-political dynamics, conflicts, regional analysis, contemporary issues